您的当前位置:首页 >दीपिका ककर >चीन ने पठानकोट के गुनहगार मसूद अजहर को आतंकी मानने से किया इनकार 正文

चीन ने पठानकोट के गुनहगार मसूद अजहर को आतंकी मानने से किया इनकार

时间:2023-09-27 03:14:12 来源:网络整理编辑:दीपिका ककर

核心提示

संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थाई प्रतिनिधि लियु जीयी ने बीजिंग के दावे को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्त

संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थाई प्रतिनिधि लियु जीयी ने बीजिंग के दावे को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का प्रमुख मसूद अजहर आतंकवादी नहीं है. सुरक्षा परिषद की आवर्ती अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद शुक्रवार को लियु ने कहा कि अजहर आतंकवादी के लिए निर्धारित सुरक्षा परिषद के मानक पूरे नहीं करता है.इस दौरान जब लियु से पूछा गया कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति में घोषित नहीं करने के लिए एक तरह से वीटो का इस्तेमाल किया,चीननेपठानकोटकेगुनहगारमसूदअजहरकोआतंकीमाननेसेकियाइनकार उन्होंने ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में किसी व्यक्ति और संगठन को तब शामिल किया जाता है, जब वह उसकी शर्तें पूरी करता है. यह परिषद के सभी सदस्यों का दायित्व है कि वे सुनिश्चित करें कि शर्तों का अनुपालन हो.'हालांकि, जब उनसे फिर पूछा गया कि अजहर आतंकवादी कैसे नहीं है तो उन्होंने विस्तार से वर्णन नहीं किया. लेकिन कहा कि अजहर आतंकवादी के लिए निर्धारित सुरक्षा परिषद की शर्तें पूरी नहीं करता.गौरतलब है कि पठानकोट वायुसेना अड्डे पर बीते जनवरी में हुए हमले के बाद भारत ने मसूद अजहर को आंतवादियों की सूची में शामिल करने के लिए फरवरी में संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से आग्रह किया था. समिति में संयुक्त राष्ट्र के नियम 1267 के तहत सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाने के बाद पाकिस्तान और अन्य देशों को अजहर की संपत्ति को जब्त करना होगा, तथा उसके आवागमन पर प्रतिबंध लगाना होगा.बीते सोमवार को समिति की बैठक में सभी 14 सदस्य अजहर को में रखने पर सहमत थे, लेकिन चीन ने अड़ंगा लगा दिया. सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य की ओर से प्रतिबंध समिति में रोक लगने का अर्थ एक तरह से वीटो का इस्तेमाल ही है. भारत ने चीन की रोक को छिपे हुए वीटो की संज्ञा दी है.गौरतलब है कि चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी को प्रतिबंध समिति में दूसरी बार मदद की है. पिछले साल जून में भी चीन ने भारत के प्रयास को तब विफल कर दिया था, जब मुंबई हमले के सूत्रधार जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान ने रिहा किया था. इस पर भारत ने आतंकवाद विरोधी प्रस्ताव के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे.चीन की हाल की कार्रवाई की भारत ने निंदा की है और उस पर पाकिस्तान के आतंकवादियों को प्रश्रय देने का आरोप लगाया है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शुक्रवार को कहा कि यह समझ से परे है, क्योंकि आतंकवादी गतिविधियों और अल कायदा से संबंध रखने के लिए जेईएम पर समिति ने 2001 में ही प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद जेईएम के प्रमुख नेताओं, वित्त पोषकों और प्रेरकों पर तकनीकी रूप से रोक लगी हुई है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाशिंगटन की यात्रा पर गए स्वरूप ने बयान जारी कर कहा कि समिति की कार्य प्रणाली मतैक्यता और गुमनामी के सिद्धांत पर आधारित है, जिससे वह आतंकवाद से लड़ने में चयनात्मक दृष्टिकोण अपनाती है. यह आतंकवाद को निर्णायक रूप से पराजित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जो दृढ़ता होनी चाहिए, उसे प्रदर्शित नहीं करती है.