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Mission Gaganyaan: मिशन गगनयान में पहला ट्रायल खाली होगा और दूसरे में महिला रोबोट

时间:2023-09-29 14:34:16 来源:网络整理编辑:आईपीएल न्यूज़ 2023

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भारत के मिशन गगनयान का पूरा प्लान सामने आ गया है. प्लान के मुताबिक, गगनयान का पहला ट्रायल खाली होगा

भारत के मिशन गगनयान का पूरा प्लान सामने आ गया है. प्लान के मुताबिक,मिशनगगनयानमेंपहलाट्रायलखालीहोगाऔरदूसरेमेंमहिलारोबोट गगनयान का पहला ट्रायल खाली होगा जबकि दूसरे ट्रायल में एक महिला रोबोट भेजी जाएगी. ये दोनों ट्रायल इस साल के अंत तक पूरे कर लिए जाएंगे. दोनों ट्रायल के आधार पर तीसरा ट्रायल होगा जिसमें दो लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने मिशन गगनयान के प्लान की पूरी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि दूसरे ट्रायल में जिस महिला रोबोट को भेजा जाएगा, उसका नाम व्योम मित्र रखा गया है. इस रोबोट को इसरो (ISRO) ने डेवलप किया है.इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि यह भारत का इकलौता अंतरिक्ष मिशन है. गगनयान स्पेस फ्लाइट मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा. इसमें पहला टेस्ट 2022 के बीच में होगा. पहले चरण में गगनयान का मानव रहित मिशन G1 होगा. इसके बाद 2022 के अंत में व्योममित्र नाम का रोबोट भेजा जाएगा. जितेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि इस गगनयान लॉन्‍च के लिए 500 से ज्‍यादा इंडस्‍ट्री शामिल हैं. इसके लिए कई रिसर्च मॉड्यूल बनाए गए हैं, जिसमें भारत में निर्मित रिसर्च मॉड्यूल भी शामिल है.गगनयान के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स ने रूस के गैगरीन कॉस्मोनॉट्स ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है. इन्हें मॉस्को के नजदीक जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने की ट्रेनिंग दी गई थी. इन्हें गगननॉट्स (Gaganauts) बुलाया जाएगा. इन चार गगननॉट्स में ट्रेनिंग पूरी करने वाले इंडियन एयरफोर्स के एक ग्रुप कैप्टन हैं जबकि तीन विंग कमांडर हैं. फिलहाल इन्हें बेंगलुरू में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साल 2018 में एक भाषण में कहा था कि भारत साल 2022 तक कोई भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री गगनयान में सवार हो सकेगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं. गगनयान मिशन के तहत ISRO अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में 7 दिन की यात्रा कराएगा. इन अतंरिक्षयात्रियों को 7 दिन के लिए पृथ्वी के लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा. इस मिशन के लिए ISRO ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसी साल 13 मई को गगनयान मिशन के लिए आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में ह्यूमन रेटेड सॉलिड रॉकेट बूस्टर (HS200) का सफल परीक्षण किया था. इस बूस्टर को जीएसएलवी-मार्क3 (GSLV-MK3) रॉकेट के निचले हिस्से में लगाए जाने की संभावना है. इससे पहले इसरो ने 14 जुलाई 2021 विकास इंजन लॉन्ग ड्यूरेशन हॉट टेस्ट का तीसरा सफल परीक्षण किया. यह इंजन GSLV-MkIII रॉकेट के लिक्विड स्टेज में लगाया जाएगा. यह परीक्षण इंजन की क्षमता को जांचने के लिए किया गया था, जिसे उसने सफलतापूर्वक कर दिखाया.बता दें कि इस पूरे मिशन की लागत 10 हजार करोड़ रुपए है. गौरतलब है कि देश के पहले अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा 2 अप्रैल 1984 में रूस के सोयूज टी-11 में बैठकर अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे.