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18 साल बाद ममता ने अपने 'सारथी' मुकुल रॉय को क्यों निकाला था?

时间:2023-09-27 05:50:38 来源:网络整理编辑:टिम डेविड

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ममता बनर्जी के बाद तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मुकुल रॉय अब बीजेपी में शामिल हो

ममता बनर्जी के बाद तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मुकुल रॉय अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ममता-मुकुल की राहें जुदा हो गई हैं. पश्चिम बंगाल में भले ही मुकुल रॉय के जाने से ममता बनर्जी की सरकार पर कोई असर न पड़े,सालबादममतानेअपनेसारथीमुकुलरॉयकोक्योंनिकालाथा पर सवाल यह उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि ममता के साथ मिलकर मुकुल ने जिस पार्टी की नींव रखी, उससे उन्हें निकाल दिया गया.ममता बनर्जी टीएमसी की स्थापना के पहले कांग्रेस में थीं. कांग्रेस में वह तेजी से आगे बढ़ रही थीं, पर बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं के चलते उन्हें मनमाना स्थान हासिल नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने साल 1998 में कांग्रेस से अलग होकर टीएमसी के गठन का ऐलान कर दिया और इसी के साथ पार्टी और ममता बनर्जी के राजनीतिक जीवन में का बड़ा रोल शुरू हुआ.कई राजनीतिक जानकार, को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की तरह सांगठनिक कार्य में महारत रखने वाला नेता मानते हैं. पार्टी को एकजुट करना और जनसमर्थन को वोट में बदलना मुकुल रॉय की ताकत रही है.ममता और मुकुल रॉय के बीच रिश्ते शारदा चिटफंड मामले के बाद बिगड़े. शारदा चिटफंड के कारण टीएमसी के कई नेता फंसे. सांसद, मंत्री को जेल तक जाना पड़ा. इस दौरान कई नेताओं से पूछताछ हुई. 30 जनवरी 2015 को CBI ने शारदा घोटाले में मुकुल रॉय पर लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था. माना जाता है कि इसी दौरान उस वक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने पार्टी और ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के कई राज खोल दिए थे. इसके बाद से ही ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी में दरकिनार करना शुरू कर दिया था.यूपीए पार्ट 2 में ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ केंद्र सरकार में थीं. इसी दौरान केंद्र में रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट पेश किया था. यात्रियों का किराया बढ़ाने से ममता नाराज हो गई थीं. उन्होंने तुरंत त्रिवेदी को हटा दिया था. इसके बाद एक झटके में उन्होंने मुकुल रॉय को पार्टी की ओर से केंद्र में भेजा. राज्यसभा सदस्य रहे रॉय को रेल मंत्री का पद दे दिया था.